पावन डोर
( पावन जन्म, मरण की विवाह की डोर !
रिश्तों की यह पावन डोर !!
कैसे कच्ची हो गई डोर !
क्यों बिखरे मोती अनमोल !!
जन्म, मरण की विवाह की डोर !
रिश्तों की यह पावन डोर !!
जन्म-जन्म का जो था नाता !
संग जीने मरने का वादा !!
क्यों बदला वो है इरादा !
इतने कच्चे हो गए बोल !!
जन्म, मरण की विवाह की डोर !
रिश्तों की यह पावन डोर !!
खुली न आँखे, ढ़ल गई छाया !
बनके फरिश्ता घर में आया !!
प्यार का जो फूल खिलाया !
लगा दिया क्यों उसका मोल !!
जन्म, मरण की विवाह की डोर !
रिश्तों की यह पावन डोर !!
इतने कच्चे हो गए इरादे !
चंद कदमों में टूटे वादे !!
सीरत में आया झोल !
रिश्तें भी हो गए खोल !!
जन्म, मरण की विवाह की डोर !
रिश्तों की यह पावन डोर !!
विपिन बंसल
Seema Priyadarshini sahay
05-Oct-2021 11:48 AM
Nice
Reply
🤫
03-Oct-2021 10:17 PM
बहुत बढ़िया....
Reply